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1. {हिद्देकेल नदी के किनारे दानिय्येल का दर्शन} PS कुस्रू फारस का राजा था। कस्रू के शासन काल के तीसरे वर्ष दानिय्येल को इन बातों का पता चला। (दानिय्येल का ही दूसरा नाम बेलतशस्सर था) ये संकेत सच थे और ये एक बड़े युद्ध के बारे में थे। दानिय्येल उन्हें समझ गया। वे बातें एक दर्शन में उसे समझाई गई थीं। PEPS
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1. In the third H7969 year H8141 of Cyrus H3566 king H4428 of Persia H6539 a thing H1697 was revealed H1540 unto Daniel H1840 , whose H834 name H8034 was called H7121 Belteshazzar H1095 ; and the thing H1697 was true H571 , but the time appointed H6635 was long H1419 : and he understood H995 H853 the thing H1697 , and had understanding H998 of the vision H4758 .
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2. दानिय्येल का कहना है, “उस समय मैं, दानिय्येल, तीन सप्ताहों तक बहुत दु:खी रहा।
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2. In those H1992 days H3117 I H589 Daniel H1840 was H1961 mourning H56 three H7969 full H3117 weeks H7620 .
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3. उन तीन सप्ताहों के दौरान, मैंने कोई भी चटपटा खाना नहीं खाया। मैंने किसी भी प्रकार का माँस नहीं खाया। मैंने दाखमधु नही पी। किसी भी तरह का तेल मैंने अपने सिर में नहीं डाला। तीन सप्ताह तक मैंने ऐसा कुछ भी नहीं किया।” PEPS
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3. I ate H398 no H3808 pleasant H2530 bread H3899 , neither H3808 came H935 flesh H1320 nor wine H3196 in H413 my mouth H6310 , neither H3808 did I anoint myself at all H5480 H5480 , till H5704 three H7969 whole H3117 weeks H7620 were fulfilled H4390 .
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4. वर्ष के पहले महीने के अठाईसवे दिन मैं हिद्देकेल महानदी के किनारे खड़ा था।
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4. And in the four H702 and twentieth H6242 day H3117 of the first H7223 month H2320 , as I H589 was H1961 by H5921 the side H3027 of the great H1419 river H5104 , which H1931 is Hiddekel H2313 ;
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5. वहाँ खड़े—खड़े जब मैंने ऊपर की ओर देखा तो वहाँ मैंने एक पुरूष को अपने सामने खड़ा पाया। उसने सन के कपड़े पहने हुए थे। उसकी कमर में शुद्ध सोने की बनी हुई कमर बांध थी।
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5. Then I lifted up H5375 H853 mine eyes H5869 , and looked H7200 , and behold H2009 a certain H259 man H376 clothed H3847 in linen H906 , whose loins H4975 were girded H2296 with fine gold H3800 of Uphaz H210 :
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6. उसका शरीर चमचमाते पत्थर के जैसी थी। उसका मुख बिजली के समान उज्जवल था! उसकी बाहें और उसके पैर चमकदार पीतल से झिलमिला रहे थे! उसकी आवाज़ इतनी ऊँची थी जैसे लोगों की भीड़ की आवाज़ होती है! PEPS
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6. His body H1472 also was like the beryl H8658 , and his face H6440 as the appearance H4758 of lightning H1300 , and his eyes H5869 as lamps H3940 of fire H784 , and his arms H2220 and his feet H4772 like in color H5869 to polished H7044 brass H5178 , and the voice H6963 of his words H1697 like the voice H6963 of a multitude H1995 .
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7. यह दर्शन बस मुझे, दानिय्येल को ही हुआ। जो लोग मेरे साथ थे, वे यद्यपि उस दर्शन को नहीं देख पाये किन्तु वे फिर भी डर गये थे। वे इतना डर गये कि भाग कर कहीं जा छिपे।
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7. And I H589 Daniel H1840 alone H905 saw H7200 H853 the vision H4759 : for the men H376 that H834 were H1961 with H5973 me saw H7200 not H3808 H853 the vision H4759 ; but H61 a great H1419 quaking H2731 fell H5307 upon H5921 them , so that they fled H1272 to hide themselves H2244 .
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8. सो मैं अकेला छूट गया। मैं उस दर्शन को देख रहा था और वह दृश्य मुझे भयभीत कर डाला था। मेरी शक्ति जाती रही। मेरा मुख ऐसो पीला पड़ गया जैसे मानो वह किसी मरे हुए व्यक्ति का मुख हो। मैं बेबस था।
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8. Therefore I H589 was left H7604 alone H905 , and saw H7200 H853 this H2063 great H1419 vision H4759 , and there remained H7604 no H3808 strength H3581 in me : for my comeliness H1935 was turned H2015 in H5921 me into corruption H4889 , and I retained H6113 no H3808 strength H3581 .
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9. फिर दर्शन के उस व्यक्ति को मैंने बात करते सुना। मैं उसकी आवाज़ को सुन ही रहा था कि मुझे गहरी नींद ने घेर लिया। मैं धरती पर औंधे मुँह पड़ा था। PEPS
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9. Yet heard H8085 I H853 the voice H6963 of his words H1697 : and when I heard H8085 H853 the voice H6963 of his words H1697 , then was H1961 I H589 in a deep sleep H7290 on H5921 my face H6440 , and my face H6440 toward the ground H776 .
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10. फिर एक हाथ ने मुझे छू लिया। ऐसा होने पर मैं अपने हाथों और अपने घुटनों के बल खड़ा हो गया। मैं डर के मारे थर थर काँप रहा था।
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10. And, behold H2009 , a hand H3027 touched H5060 me , which set H5128 me upon H5921 my knees H1290 and upon the palms H3709 of my hands H3027 .
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11. दर्शन के उस व्यक्ति ने मुझसे कहा, “दानिय्येल, तू परमेश्वर का बहुत प्यारा है। जो शब्द मैं तुझसे कहूँ उस पर तू सावधानी के साथ विचार कर। खड़ा हो। मुझे तेरे पास भेजा गया है। जब उसने ऐसा कहा तो मैं खड़ा हो गया। मैं अभी भी थर—थर काँप रहा था क्योंकि मैं डरा हुआ था।
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11. And he said H559 unto H413 me , O Daniel H1840 , a man H376 greatly beloved H2530 , understand H995 the words H1697 that H834 I H595 speak H1696 unto H413 thee , and stand H5975 upright H5921 H5977 : for H3588 unto H413 thee am I now H6258 sent H7971 . And when he had spoken H1696 H853 this H2088 word H1697 unto H5973 me , I stood H5975 trembling H7460 .
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12. इसके बाद दर्शन के उस पुरूष ने फिर बोलना आरम्भ किया। उसने कहा, “दानिय्येल, डर मत। पहले ही दिन से तूने यह निश्चय कर लिया था कि तू परमेश्वर के सामने विवेकपूर्ण और विनम्र रहेगा। परमेश्वर तेरी प्रार्थनाओं को सुनता रहा है। तू प्रार्थना करता रहा है, मैं इसलिये तेरे पास आया हूँ।
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12. Then said H559 he unto H413 me, Fear H3372 not H408 , Daniel H1840 : for H3588 from H4480 the first H7223 day H3117 that H834 thou didst set H5414 H853 thine heart H3820 to understand H995 , and to chasten thyself H6031 before H6440 thy God H430 , thy words H1697 were heard H8085 , and I H589 am come H935 for thy words H1697 .
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13. किन्तु फारस का युवराज (स्वर्गदूत) इक्कीस दिन तक मेरे साथ लड़ता रहा और मुझे तंग करता रहा। इसके बाद मिकाएल जो एक अत्यंत महत्वपूर्ण युवराज (स्वर्गदूत) था। मेरी सहायता के लिये मेरे पास आया क्योंकि मैं वहाँ फारस के राजा के साथ उलझा हुआ था।
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13. But the prince H8269 of the kingdom H4438 of Persia H6539 withstood H5975 H5048 me one H259 and twenty H6242 days H3117 : but, lo H2009 , Michael H4317 , one H259 of the chief H7223 princes H8269 , came H935 to help H5826 me ; and I H589 remained H3498 there H8033 with H681 the kings H4428 of Persia H6539 .
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14. हे दानिय्येल, अब मैं तेरे पास तुझे वह बताने को आया हूँ जो भविष्य में तेरे लोगों के साथ घटने वाला है। वह स्वप्न एक आने वाले समय के बारे में है।” PEPS
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14. Now I am come H935 to make thee understand H995 H853 what H834 shall befall H7136 thy people H5971 in the latter H319 days H3117 : for H3588 yet H5750 the vision H2377 is for many days H3117 .
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15. अभी वह व्यक्ति मुझसे बात ही कर रहा था कि मैंने धरती कि तरफ़ नीचे अपना मुँह झुका लिया।मैं बोल नहीं पा रहा था।
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15. And when he had spoken H1696 such H428 words H1697 unto H5973 me , I set H5414 my face H6440 toward the ground H776 , and I became dumb H481 .
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16. फिर किसी ने जो मनुष्य के जैसा दिखाई दे रहा था, मेरे होंठों को छुआ। मैंने अपना मुँह खोला और बोलना आरम्भ किया। मेरे सामने जो खड़ा था, उससे मैंने कहा, महोदय, मैंने दर्शन में जो देखा था, मैं उससे व्याकुल और भयभीत हूँ। मैं अपने को असहाय समझ रहा हूँ।
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16. And, behold H2009 , one like the similitude H1823 of the sons H1121 of men H120 touched H5060 H5921 my lips H8193 : then I opened H6605 my mouth H6310 , and spoke H1696 , and said H559 unto H413 him that stood H5975 before H5048 me , O my lord H113 , by the vision H4758 my sorrows H6735 are turned H2015 upon H5921 me , and I have retained H6113 no H3808 strength H3581 .
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17. मैं तेरा दास दानिय्येल हूँ। मैं तुझसे कैसे बात कर सकता हूँ मेरी शक्ति जाती रही है। मुझसे तो सांस भी नहीं लिया जा रहा है।” PEPS
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17. For how H1963 can H3201 the servant H5650 of this H2088 my lord H113 talk H1696 with H5973 this H2088 my lord H113 ? for as for me H589 , straightway H4480 H6258 there remained H5975 no H3808 strength H3581 in me, neither H3808 is there breath H5397 left H7604 in me.
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18. मनुष्य जैसे दिखते हुए उसने मुझे फिर छुआ। उसके छुते ही मुझे अच्छा लगा।
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18. Then there came again H3584 and touched H5060 me one like the appearance H4758 of a man H120 , and he strengthened H2388 me,
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19. फिर वह बोला, “दानिय्येल, डर मत। परमेश्वर तुझे बहुत प्रेम करता है। तुझे शांति प्राप्त हो। अब तू सुदृढ़ हो जा! सुदृढ़ हो जा!” PEPS उसने मुझसे जब बात की तो मैं और अधिक बलशाली हो गया। फिर मैंने उससे कहा, “प्रभु! आपने तो मुझे शक्ति दे दी है। अब आप बाल सकते हैं।” PEPS
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19. And said H559 , O man H376 greatly beloved H2530 , fear H3372 not H408 : peace H7965 be unto thee , be strong H2388 , yea , be strong H2388 . And when he had spoken H1696 unto H5973 me , I was strengthened H2388 , and said H559 , Let my lord H113 speak H1696 ; for H3588 thou hast strengthened H2388 me.
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20. सो उसने फिर कहा, “दानिय्येल, क्या तू जानता है, मैं तेरे पास क्यों आया हूँ फारस के युवराज (स्वर्गदूत) से युद्ध करने के लिये मुझे फिर वापस जाना है। मेरे चले जाने के बाद यूनान का युवराज(स्वर्गदूत) यहाँ आयेगा।
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20. Then said H559 he, Knowest H3045 thou wherefore H4100 I come H935 unto H413 thee? and now H6258 will I return H7725 to fight H3898 with H5973 the prince H8269 of Persia H6539 : and when I H589 am gone forth H3318 , lo H2009 , the prince H8269 of Greece H3120 shall come H935 .
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21. किन्तु दानिय्येल अपने जाने से पहले तुम को सबसे पहले यह बताना है कि सत्य की पुस्तक में क्या लिखा है। उन बुरे राजकुमारों(स्वर्गदूतों) के विरोध में मीकाएल स्वर्गदूत के अलावा मेरे साथ कोई नहीं खड़ा होता। मीकाएल वह राजकुमार है (स्वर्गदूत) जो तेरे लोगों पर शासन करता है। PE
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21. But H61 I will show H5046 thee H853 that which is noted H7559 in the Scripture H3791 of truth H571 : and there is none H369 H259 that holdeth H2388 with H5973 me in H5921 these things H428 , but H3588 H518 Michael H4317 your prince H8269 .
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