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1. यहोवा ने अय्यूब से कहा:
1. Moreover the LORD H3068 answered H6030 H853 Job H347 , and said H559 ,
2. “अय्यूब तूने सर्वशक्तिमान परमेश्वर से तर्क किया।
तूने बुरे काम करने का मुझे दोषी ठहराया।
अब तू मुझको उत्तर दे।” PS
2. Shall he that contendeth H7378 with H5973 the Almighty H7706 instruct H3250 him ? he that reproveth H3198 God H433 , let him answer H6030 it.
3. इस पर अय्यूब ने उत्तर देते हुए परमेश्वर से कहा:
3. Then Job H347 answered H6030 H853 the LORD H3068 , and said H559 ,
4. “मैं तो कुछ कहने के लिये बहुत ही तुच्छ हूँ।
मैं तुझसे क्या कह सकता हूँ
मैं तुझे कोई उत्तर नहीं दे सकता।
मैं अपना हाथ अपने मुख पर रख लूँगा।
4. Behold H2005 , I am vile H7043 ; what H4100 shall I answer H7725 thee? I will lay H7760 mine hand H3027 upon H3926 my mouth H6310 .
5. मैंने एक बार कहा किन्तु अब मैं उत्तर नहीं दूँगा।
फिर मैंने दोबारा कहा किन्तु अब और कुछ नहीं बोलूँगा।” PS
5. Once H259 have I spoken H1696 ; but I will not H3808 answer H6030 : yea, twice H8147 ; but I will proceed no further H3254 H3808 .
6. इसके बाद यहोवा ने आँधी में बोलते हुए अय्यूब से कहा:
6. Then answered H6030 the LORD H3068 unto H853 Job H347 out of H4480 the whirlwind H5591 , and said H559 ,
7. अय्यूब, तू पुरुष की तरह खड़ा हो,
मैं तुझसे कुछ प्रश्न पूछूँगा और तू उन प्रश्नों का उत्तर मुझे देगा।
7. Gird up H247 thy loins H2504 now H4994 like a man H1397 : I will demand H7592 of thee , and declare H3045 thou unto me.
8. अय्यूब क्या तू सोचता है कि मैं न्यायपूर्ण नहीं हूँ
क्या तू मुझे बुरा काम करने का दोषी मानता है ताकि तू यह दिखा सके कि तू उचित है
8. Wilt thou also H637 disannul H6565 my judgment H4941 ? wilt thou condemn H7561 me, that H4616 thou mayest be righteous H6663 ?
9. अय्यूब, बता क्या मेरे शस्त्र इतने शक्तिशाली हैं जितने कि मेरे शस्त्र हैं
क्या तू अपनी वाणी को उतना ऊँचा गरजा सकता है जितनी मेरी वाणी है
9. Hast thou an arm H2220 like God H410 ? or canst thou thunder H7481 with a voice H6963 like him H3644 ?
10. यदि तू वैसा कर सकता है तो तू स्वयं को आदर और महिमा दे
तथा महिमा और उज्वलता को उसी प्रकार धारण कर जैसे कोई वस्त्र धारण करता है।
10. Deck H5710 thyself now H4994 with majesty H1347 and excellency H1363 ; and array H3847 thyself with glory H1935 and beauty H1926 .
11. अय्यूब, यदि तू मेरे समान है, तो अभिमानी लोगों से घृणा कर।
अय्यूब, तू उन अहंकारी लोगों पर अपना क्रोध बरसा और उन्हें तू विनम्र बना दे।
11. Cast abroad H6327 the rage H5678 of thy wrath H639 : and behold H7200 every one H3605 that is proud H1343 , and abase H8213 him.
12. हाँ, अय्यूब उन अहंकारी लोगों को देख और तू उन्हें विनम्र बना दे।
उन दुष्टों को तू कुचल दे जहाँ भी वे खड़े हों।
12. Look on H7200 every one H3605 that is proud H1343 , and bring him low H3665 ; and tread down H1915 the wicked H7563 in their place H8478 .
13. तू सभी अभिमानियों को मिट्टी में गाड़ दे
और उनकी देहों पर कफन लपेट कर तू उनको उनकी कब्रों में रख दे।
13. Hide H2934 them in the dust H6083 together H3162 ; and bind H2280 their faces H6440 in secret H2934 .
14. अय्यूब, यदि तू इन सब बातों को कर सकता है
तो मैं यह तेरे सामने स्वीकार करूँगा कि तू स्वयं को बचा सकता है।
14. Then will I H589 also H1571 confess H3034 unto thee that H3588 thine own right hand H3225 can save H3467 thee.
15. “अय्यूब, देख तू, उस जलगज को
मैंने (परमेश्वर) ने बनाया है और मैंने ही तुझे बनाया है।
जलगज उसी प्रकार घास खाती है, जैसे गाय घास खाती है।
15. Behold H2009 now H4994 behemoth H930 , which H834 I made H6213 with H5973 thee ; he eateth H398 grass H2682 as an ox H1241 .
16. जलगज के शरीर में बहुत शक्ति होती है।
उसके पेट की माँसपेशियाँ बहुत शक्तिशाली होती हैं।
16. Lo H2009 now H4994 , his strength H3581 is in his loins H4975 , and his force H202 is in the navel H8306 of his belly H990 .
17. जल गज की पूँछ दृढ़ता से ऐसी रहती है जैसा देवदार का वृक्ष खड़ा रहता है।
उसके पैर की माँसपेशियाँ बहुत सुदृढ़ होती हैं।
17. He moveth H2654 his tail H2180 like H3644 a cedar H730 : the sinews H1517 of his stones H6344 are wrapped together H8276 .
18. जल गज की हड्‌डियाँ काँसे की भाँति सुदृढ़ होती है,
और पाँव उसके लोहे की छड़ों जैसे।
18. His bones H6106 are as strong pieces H650 of brass H5154 ; his bones H1634 are like bars H4300 of iron H1270 .
19. जल गज पहला पशु है जिसे मैंने (परमेश्वर) बनाया है
किन्तु मैं उस को हरा सकता हूँ।
19. He H1931 is the chief H7225 of the ways H1870 of God H410 : he that made H6213 him can make his sword H2719 to approach H5066 unto him .
20. जल गज जो भोजन करता है उसे उसको वे पहाड़ देते हैं
जहाँ बनैले पशु विचरते हैं।
20. Surely H3588 the mountains H2022 bring him forth H5375 food H944 , where H8033 all H3605 the beasts H2416 of the field H7704 play H7832 .
21. जल गज कमल के पौधे के नीचे पड़ा रहता है
और कीचड़ में सरकण्ड़ों की आड़ में छिपा रहता है।
21. He lieth H7901 under H8478 the shady trees H6628 , in the covert H5643 of the reed H7070 , and fens H1207 .
22. कमल के पौधे जलगज को अपनी छाया में छिपाते है।
वह बाँस के पेड़ों के तले रहता हैं, जो नदी के पास उगा करते है।
22. The shady trees H6628 cover H5526 him with their shadow H6752 ; the willows H6155 of the brook H5158 compass him about H5437 .
23. यदि नदी में बाढ़ जाये तो भी जल गज भागता नहीं है।
यदि यरदन नदी भी उसके मुख पर थपेड़े मारे तो भी वह डरता नहीं है।
23. Behold H2005 , he drinketh up H6231 a river H5104 , and hasteth H2648 not H3808 : he trusteth H982 that H3588 he can draw up H1518 Jordan H3383 into H413 his mouth H6310 .
24. जल गज की आँखों को कोई नहीं फोड़ सकता है
और उसे कोई भी जाल में नहीं फँसा सकता। PE
24. He taketh H3947 it with his eyes H5869 : his nose H639 pierceth H5344 through snares H4170 .
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