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7

1. {होमबलि के नियम} PS यहोवा परमेश्वर ने मूसा को बलाया और मिलापवाले तम्बू में से उससे बोला। यहोवा ने कहा,
1. And the LORD H3068 called H7121 unto H413 Moses H4872 , and spoke H1696 unto H413 him out of the tabernacle H4480 H168 of the congregation H4150 , saying H559 ,
2. “इस्राएल के लोगों से कहो: तुम लोगों में से कोई जब यहोवा को भेट लाए तो वह भेंट तुम्हें उन जानवरों में से लानी चाहिये जो तुमाहेरे झुण्ड या रेवड़ में से हो। PEPS
2. Speak H1696 unto H413 the children H1121 of Israel H3478 , and say H559 unto H413 them, If H3588 any man H120 of H4480 you bring H7126 an offering H7133 unto the LORD H3068 , ye shall bring H7126 H853 your offering H7133 of H4480 the cattle H929 , even of H4480 the herd H1241 , and of H4480 the flock H6629 .
3. “यदि कोई व्यक्ति अपने पशुओं में से किसी की होमबलि दे तो वह नर होना चाहिए और उस जानवर में कोई दोष नहीं होना चाहिए। उस व्यक्ति को चाहिए कि वह जानवर को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर ले जाये। तब यहोव भेंट स्वीकार करेगा।
3. If H518 his offering H7133 be a burnt sacrifice H5930 of H4480 the herd H1241 , let him offer H7126 a male H2145 without blemish H8549 : he shall offer H7126 it of his own voluntary will H7522 at H413 the door H6607 of the tabernacle H168 of the congregation H4150 before H6440 the LORD H3068 .
4. इस व्यक्ति को अपना हाथ जानवर के सिर पर रखना चाहिए। परमेश्वर होमबिल को व्यक्ति के पाप के लिए भुगतान के रुप में स्वीकार करेगा। PEPS
4. And he shall put H5564 his hand H3027 upon H5921 the head H7218 of the burnt offering H5930 ; and it shall be accepted H7521 for him to make atonement H3722 for H5921 him.
5. “व्यक्ति को चाहिए कि वह बछड़े का खून पर चारों ओर खून छिड़कना चाहिए।
5. And he shall kill H7819 H853 the bullock H1121 H1241 before H6440 the LORD H3068 : and the priests H3548 , Aaron H175 's sons H1121 , shall bring H7126 H853 the blood H1818 , and sprinkle H2236 H853 the blood H1818 round about H5439 upon H5921 the altar H4196 that H834 is by the door H6607 of the tabernacle H168 of the congregation H4150 .
6. वह उस जानवर का चमड़ा हटा देगा और उसे टुकड़ों में काटेगा।
6. And he shall flay H6584 H853 the burnt offering H5930 , and cut H5408 it into his pieces H5409 .
7. हारून के याजक पुत्रों को वेदी पर लकड़ी और आग रखनी चाहिए।
7. And the sons H1121 of Aaron H175 the priest H3548 shall put H5414 fire H784 upon H5921 the altar H4196 , and lay the wood in order H6186 H6086 upon H5921 the fire H784 :
8. हारून के याजक पुत्रों को वे टुकड़े, (सिर और चर्बी) लकड़ी पर रखनी चाहिए। वह लकड़ी वेदी पर आग के ऊपर होती है।
8. And the priests H3548 , Aaron H175 's sons H1121 , shall lay H6186 H853 the parts H5409 , H853 the head H7218 , and the fat H6309 , in order upon H5921 the wood H6086 that H834 is on H5921 the fire H784 which H834 is upon H5921 the altar H4196 :
9. याजक को जानवर के भीतरी भागों और पैरों को पानी से धोना चाहिए। तब याजक को जानवर के सभी भागों को वेदी पर जलाना चाहिए। यही होमबलि है अर्थात आग के द्वारा यहोवा को सुगन्ध से प्रसन्न करना। PEPS
9. But his inwards H7130 and his legs H3767 shall he wash H7364 in water H4325 : and the priest H3548 shall burn H6999 H853 all H3605 on the altar H4196 , to be a burnt sacrifice H5930 , an offering made by fire H801 , of a sweet H5207 savor H7381 unto the LORD H3068 .
10. “यदि कोई व्यक्ति भेड़ या बकरी की होमबलि चढ़ाए तो वह एक ऐसे नर पशु की भेंट दे जिसमें कोई दोष हो।
10. And if H518 his offering H7133 be of H4480 the flocks H6629 , namely , of H4480 the sheep H3775 , or H176 of H4480 the goats H5795 , for a burnt sacrifice H5930 ; he shall bring H7126 it a male H2145 without blemish H8549 .
11. उस व्यक्ति को वेदी के उत्तर की ओर यहोवा के सामने पशु को मारना चाहिए। हारून के याजक पुत्रों को वेदी के चारों ओर खून छिड़कना चाहिए।
11. And he shall kill H7819 it on H5921 the side H3409 of the altar H4196 northward H6828 before H6440 the LORD H3068 : and the priests H3548 , Aaron H175 's sons H1121 , shall sprinkle H2236 H853 his blood H1818 round about H5439 upon H5921 the altar H4196 .
12. तब याजक को चाहिए कि वह पशु को टुकड़ों में काटे। पशु का सिर और चर्बी याजक को लकड़ी के ऊपर क्रम से रखना चाहिए। लकड़ी वेदी पर आग के ऊपर रहती है।
12. And he shall cut H5408 it into his pieces H5409 , with H854 his head H7218 and his fat H6309 : and the priest H3548 shall lay them in order H6186 H853 on H5921 the wood H6086 that H834 is on H5921 the fire H784 which H834 is upon H5921 the altar H4196 :
13. याजक को पशु के भीतरी भागों और उसके पैरों को पानी से धोना चाहिए। तब याजक को चाहिए कि वह पशु के सभी भागों को वेदी पर जलाएँ। यह होमबलि है अर्थात् आग के द्वारा यहोवा को सुगन्ध से प्रसन्न करना। PEPS
13. But he shall wash H7364 the inwards H7130 and the legs H3767 with water H4325 : and the priest H3548 shall bring H7126 it H853 all H3605 , and burn H6999 it upon the altar H4196 : it H1931 is a burnt sacrifice H5930 , an offering made by fire H801 , of a sweet H5207 savor H7381 unto the LORD H3068 .
14. “यदि कोई व्यक्ति यहोवा को पक्षी की होमबलि चढ़ाए तो यह पक्षी की होमबलि चढ़ाए तो यह पक्षी फाख्ता या नया कबूतर होना चाहिए।
14. And if H518 the burnt sacrifice H5930 for his offering H7133 to the LORD H3068 be of H4480 fowls H5775 , then he shall bring H7126 H853 his offering H7133 of H4480 turtledoves H8449 , or H176 of H4480 young H1121 pigeons H3123 .
15. याजक बेंट को वेदी कपर लाएगा। याजक पक्षी को वेदी पर जलाएगा। पक्षी का खून वेदी की ओर बहना चाहिए।
15. And the priest H3548 shall bring H7126 it unto H413 the altar H4196 , and wring off H4454 H853 his head H7218 , and burn H6999 it on the altar H4196 ; and the blood H1818 thereof shall be wrung out H4680 at H5921 the side H7023 of the altar H4196 :
16. याजक को पक्षी के गले की थैली और उसके पंखों को वेदी के पूर्व की ओर फेंक देना चाहिए। यह वही जगह है जहाँ वे वेदी से निकालकर राख डालते हैं।
16. And he shall pluck away H5493 H853 his crop H4760 with his feathers H5133 , and cast H7993 it beside H681 the altar H4196 on the east part H6924 , by H413 the place H4725 of the ashes H1880 :
17. तब याजक को पंख के पास से पक्षी को चीरना चाहिए किन्तु पक्षी को दो भागों ने नहीं बाँटना चाहिए। याजक को वेदी के ऊपर आग पर रखी लकड़ी के ऊपर पक्षी को जलाना चाहिए। यह होमबलि है अर्थात् आग के द्वारा यहोवा को सुगन्ध से प्रसन्न करना। PE
17. And he shall cleave H8156 it with the wings H3671 thereof, but shall not H3808 divide it asunder H914 : and the priest H3548 shall burn H6999 it upon the altar H4196 , upon H5921 the wood H6086 that H834 is upon H5921 the fire H784 : it H1931 is a burnt sacrifice H5930 , an offering made by fire H801 , of a sweet H5207 savor H7381 unto the LORD H3068 .
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