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1. तब यहोवा ने मूसा से कहा,
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1. And the LORD H3068 spoke H1696 unto H413 Moses H4872 , saying H559 ,
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2. “लोगों से पीहाहीरोत तक पीछे मुड़कर यात्रा करने को कहो। रात में मिगदोल और समुद्र के बीच उनसे ठहरने को कहो। यह बाल सपोन के करीब है।
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2. Speak H1696 unto H413 the children H1121 of Israel H3478 , that they turn H7725 and encamp H2583 before H6440 Pi H6367 -hahiroth, between H996 Migdol H4024 and the sea H3220 , over against H6440 Baal H1189 -zephon: before H5226 it shall ye encamp H2583 by H5921 the sea H3220 .
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3. फ़िरौन सोचेगा कि इस्राएल के लोग मरुभूमि में भटक गए है और वह सोचेगा कि लोगों को कोई स्थान नहीं मिलेगा जहाँ वे जाए।
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3. For Pharaoh H6547 will say H559 of the children H1121 of Israel H3478 , They H1992 are entangled H943 in the land H776 , the wilderness H4057 hath shut them in H5462 H5921 .
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4. मैं फ़िरौन की हिम्मत बढ़ाऊँगा ताकि वह तुम लोगों का पीछा करे। किन्तु फ़िरौन और उसकी सेना को हराऊँगा। इससे मुझे गौरव प्राप्त होगा। तब मिस्र के लोग जानेंगे कि मैं ही यहोवा हूँ।” इस्राएल के लोगों ने परमेश्वर का आदेश माना अर्थात् उन्होंने वही किया जो उसने कहा। PS
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4. And I will harden H2388 H853 Pharaoh H6547 's heart H3820 , that he shall follow H7291 after H310 them ; and I will be honored H3513 upon Pharaoh H6547 , and upon all H3605 his host H2428 ; that the Egyptians H4714 may know H3045 that H3588 I H589 am the LORD H3068 . And they did H6213 so H3651 .
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5. {फ़िरौन द्वारा इस्राएलियों का पीछा किया जाना} PS तब फ़िरौन को यह सूचना मिली कि इस्राएल के लोग भाग गए हैं तो उसने और उसके अधिकारियों ने उन्हें वहाँ से चले जाने देने का जो वचन दिया था, उसके प्रति अपना मन बदल दिया। फ़िरौन ने कहा, “हमने इस्राएल के लोगों को क्यों जाने दिया? हमने उन्हें भागने क्यों दिया? अब हमारे दास हमारे हाथों से निकल चुके हैं।” PEPS
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5. And it was told H5046 the king H4428 of Egypt H4714 that H3588 the people H5971 fled H1272 : and the heart H3824 of Pharaoh H6547 and of his servants H5650 was turned H2015 against H413 the people H5971 , and they said H559 , Why H4100 have we done H6213 this H2063 , that H3588 we have let H853 Israel H3478 go H7971 from serving H4480 H5647 us?
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6. इसलिए फ़िरौन ने अपने युद्ध रथ को तैयार किया और अपनी सेना को साथ लिया।
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6. And he made ready H631 H853 his chariot H7393 , and took H3947 his people H5971 with H5973 him:
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7. फ़िरौन ने अपने लोगों में से छः सौ सबसे अच्छे आदमियों तथा अपने सभी रथों को लिया। हर एक रथ में एक अधिकारी बैठा था।
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7. And he took H3947 six H8337 hundred H3967 chosen H977 chariots H7393 , and all H3605 the chariots H7393 of Egypt H4714 , and captains H7991 over H5921 every one H3605 of them.
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8. इस्राएल के लोग विजय के उत्साह में अपने शस्त्रों को ऊपर उठाए जा रहे थे किन्तु यहोवा ने मिस्र के राजा फिरौन को साहसी बनाया। और फ़िरौन ने इस्राएल के लोगों का पीछा करना शुरु कर दिया। PEPS
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8. And the LORD H3068 hardened H2388 H853 the heart H3820 of Pharaoh H6547 king H4428 of Egypt H4714 , and he pursued H7291 after H310 the children H1121 of Israel H3478 : and the children H1121 of Israel H3478 went out H3318 with a high H7311 hand H3027 .
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9. मिस्री सेना के पास बहुत से घोड़े, सैनिक और रथ थे। उन्होंने इस्राएल के लोगों का पीछा किया और उस समय जब वे लाल सागर के तट पर पीहाहीरोत में, बालसपोन के पूर्व में डेरा डाले थे, वे उनके समीप आ गए। PEPS
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9. But the Egyptians H4714 pursued H7291 after H310 them, all H3605 the horses H5483 and chariots H7393 of Pharaoh H6547 , and his horsemen H6571 , and his army H2428 , and overtook H5381 them encamping H2583 by H5921 the sea H3220 , beside H5921 Pi H6367 -hahiroth, before H6440 Baal H1189 -zephon.
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10. इस्राएल के लोगों ने फिरौन और उसकी सेना को अपनी ओर आते देखा तो लोग बुरी तरह डर गए। उन्होंने सहायता के लिए यहोवा को पुकारा।
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10. And when Pharaoh H6547 drew nigh H7126 , the children H1121 of Israel H3478 lifted up H5375 H853 their eyes H5869 , and, behold H2009 , the Egyptians H4714 marched H5265 after H310 them ; and they were sore H3966 afraid H3372 : and the children H1121 of Israel H3478 cried out H6817 unto H413 the LORD H3068 .
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11. उन्होंने मूसा से कहा, “तुम हम लोगों को मिस्र से बाहर क्यों लाए? तुम हम लोगों को इस मरुभूमि में मरने के लिए क्यों ले आए? हम लोग शान्तिपूर्वक मिस्र में मरते, मिस्र में बहुत सी कब्रें थी।
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11. And they said H559 unto H413 Moses H4872 , Because H4480 H1097 there were no H369 graves H6913 in Egypt H4714 , hast thou taken us away H3947 to die H4191 in the wilderness H4057 ? wherefore H4100 hast thou dealt H6213 thus H2063 with us , to carry us forth H3318 out of Egypt H4480 H4714 ?
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12. हम लोगों ने कहा था कि ऐसा होगा। मिस्र में हम लोगों ने कहा था, ‘कृपया हम लोगों को कष्ट न दो। हम लोगों को यहीं ठहरने और मिस्रियों की सेवा करने दो।’ यहाँ आकर मरुभूमि में मरने से अच्छा यह होता कि हम लोग वहीं मिस्रियों के दास बनकर रहते।” PEPS
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12. Is not H3808 this H2088 the word H1697 that H834 we did tell H1696 H413 thee in Egypt H4714 , saying H559 , Let us alone H2308 H4480 , that we may serve H5647 H853 the Egyptians H4714 ? For H3588 it had been better H2896 for us to serve H5647 H853 the Egyptians H4714 , than that we should die H4480 H4191 in the wilderness H4057 .
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13. किन्तु मूसा ने उत्तर दिया, “डरो नही! भागो नहीं! रूक जाओ! ज़रा ठहरो और देखो कि आज तुम लोगों को यहोवा कैसे बचाता है। आज के बाद तुम लोग इन मिस्रियों को कभी नहीं देखोगे!
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13. And Moses H4872 said H559 unto H413 the people H5971 , Fear H3372 ye not H408 , stand still H3320 , and see H7200 H853 the salvation H3444 of the LORD H3068 , which H834 he will show H6213 to you today H3117 : for H3588 H853 the Egyptians H4714 whom H834 ye have seen H7200 today H3117 , ye shall see H7200 them again H5750 no H3808 more H3254 forever H5921 H5769 .
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14. तुम लोगों को शान्त रहने के अतिरिक्त और कुछ नहीं करना है। यहोवा तुम लोगों के लिए लड़ता रहेगा।” PEPS
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14. The LORD H3068 shall fight H3898 for you , and ye H859 shall hold your peace H2790 .
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15. तब यहोवा ने मूसा से कहा, “तुम्हें मुझको पुकारना नहीं पड़ेगा; इस्राएल के लोगों को आगे चलने का आदेश दो।
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15. And the LORD H3068 said H559 unto H413 Moses H4872 , Wherefore H4100 criest H6817 thou unto H413 me? speak H1696 unto H413 the children H1121 of Israel H3478 , that they go forward H5265 :
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16. अपने हाथ की लाठी को लाल सागर के ऊपर उठाओ और लाल सागर फट जाएगा। तब लोग सूखी भूमि से समुद्र को पार कर सकेंगे।
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16. But lift thou up H7311 H859 H853 thy rod H4294 , and stretch out H5186 H853 thine hand H3027 over H5921 the sea H3220 , and divide H1234 it : and the children H1121 of Israel H3478 shall go H935 on dry H3004 ground through the midst H8432 of the sea H3220 .
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17. मैंने मिस्रियों को साहसी बनाया है। इस प्रकार वे तुम्हारा पीछा करेंगे। किन्तु मैं दिखाऊँगा कि मैं फ़िरौन, उसके सभी घुड़सवारों और रथों से अधिक शक्तिशाली हूँ।
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17. And I H589 , behold H2009 , I will harden H2388 H853 the hearts H3820 of the Egyptians H4714 , and they shall follow H935 H310 them : and I will get me honor H3513 upon Pharaoh H6547 , and upon all H3605 his host H2428 , upon his chariots H7393 , and upon his horsemen H6571 .
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18. तब मिस्री समझेंगे कि मैं यहोवा हूँ। जब मैं फ़िरौन, उसके घुड़सवारों और रथों को हराऊँगा वे तब मुझे सम्मान देंगे।” PS
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18. And the Egyptians H4714 shall know H3045 that H3588 I H589 am the LORD H3068 , when I have gotten me honor H3513 upon Pharaoh H6547 , upon his chariots H7393 , and upon his horsemen H6571 .
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19. {यहोवा का मिस्री सेना को हराना} PS उस समय यहोवा का दूत लोगों के पीछे गया। (यहोवा का दूत प्रायः लोगों के आगे था और उन्हें ले जा रहा था)। इसलिए बादल का स्तम्भ लोगों के आगे से हट गया और उनके पीछे आ गया।
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19. And the angel H4397 of God H430 , which went H1980 before H6440 the camp H4264 of Israel H3478 , removed H5265 and went H1980 behind H4480 H310 them ; and the pillar H5982 of the cloud H6051 went H5265 from before their face H4480 H6440 , and stood H5975 behind H4480 H310 them:
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20. इस प्रकार बादल मिस्रियों और इस्राएलियों के बीच खड़ा हुआ। इस्राएल के लोगों के लिए प्रकाश था किन्तु मिस्रियों के लिए अँधेरा। इसलिए मिस्री उस रात इस्राएलियों के अधिक निकट न आ सके। PEPS
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20. And it came H935 between H996 the camp H4264 of the Egyptians H4714 and the camp H4264 of Israel H3478 ; and it was H1961 a cloud H6051 and darkness H2822 to them , but it gave light H215 H853 by night H3915 to these : so that the one H2088 came not near H7126 H3808 the other H2088 all H3605 the night H3915 .
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21. मूसा ने अपनी बाहें लाल सागर के ऊपर उठाई। और यहोवा ने पूर्व से तेज आँधी चला दी। आँधी रात भर चलती रही। समुद्र फटा और पुरवायी हवा ने जमीन को सुखा दिया।
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21. And Moses H4872 stretched out H5186 H853 his hand H3027 over H5921 the sea H3220 ; and the LORD H3068 caused H853 the sea H3220 to go H1980 back by a strong H5794 east H6921 wind H7307 all H3605 that night H3915 , and made H7760 H853 the sea H3220 dry H2724 land , and the waters H4325 were divided H1234 .
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22. इस्राएल के लोग सूखी जमीन पर चलकर समुद्र के पार गए। उनकी दायीं और बाईं ओर पानी दीवार की तरह खड़ा था।
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22. And the children H1121 of Israel H3478 went H935 into the midst H8432 of the sea H3220 upon the dry H3004 ground : and the waters H4325 were a wall H2346 unto them on their right hand H4480 H3225 , and on their left H4480 H8040 .
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23. तब फ़िरौन के सभी रथों और घुड़सवारों ने समुद्र में उनका पीछा किया।
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23. And the Egyptians H4714 pursued H7291 , and went in H935 after H310 them to H413 the midst H8432 of the sea H3220 , even all H3605 Pharaoh H6547 's horses H5483 , his chariots H7393 , and his horsemen H6571 .
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24. बहुत सवेरे ही यहोवा ने लम्बे बादल और आग के स्तम्भ पर से मिस्र की सेना को देखा और यहोवा ने उन पर हमला किया और उन्हें हरा दिया।
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24. And it came to pass H1961 , that in the morning H1242 watch H821 the LORD H3068 looked H8259 unto H413 the host H4264 of the Egyptians H4714 through the pillar H5982 of fire H784 and of the cloud H6051 , and troubled H2000 H853 the host H4264 of the Egyptians H4714 ,
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25. रथों के पहिए धंस गए। रथों का नियन्त्रण कठिन हो गया। मिस्री चिल्लाए, “हम लोग यहाँ से निकल चलें। यहोवा हम लोगों के विरुद्ध लड़ रहा है। यहोवा इस्राएल के लोगों के लिए लड़ रहा है।” PEPS
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25. And took off H5493 H853 their chariot H4818 wheels H212 , that they drove H5090 them heavily H3517 : so that the Egyptians H4714 said H559 , Let us flee H5127 from the face H4480 H6440 of Israel H3478 ; for H3588 the LORD H3068 fighteth H3898 for them against the Egyptians H4714 .
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26. तब यहोवा ने मूसा से कहा, “अपने हाथ को समुद्र के ऊपर उठाओ। फिर पानी गिरेगा तथा मिस्री रथों और घुड़सवारों को डूबो देगा।” PEPS
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26. And the LORD H3068 said H559 unto H413 Moses H4872 , Stretch out H5186 H853 thine hand H3027 over H5921 the sea H3220 , that the waters H4325 may come again H7725 upon H5921 the Egyptians H4714 , upon H5921 their chariots H7393 , and upon H5921 their horsemen H6571 .
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27. इसलिए ठीक दिन निकलने से पहले मूसा ने अपना हाथ समुद्र के ऊपर उठाया और पानी अपने उचित तल पर वापस पहुँच गया। मिस्री भागने का प्रयत्न कर रहे थे। किन्तु यहोवा ने मिस्रियों को समुद्र में बहा कर डूबो दिया।
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27. And Moses H4872 stretched forth H5186 H853 his hand H3027 over H5921 the sea H3220 , and the sea H3220 returned H7725 to his strength H386 when the morning H1242 appeared H6437 ; and the Egyptians H4714 fled H5127 against H7125 it ; and the LORD H3068 overthrew H5287 H853 the Egyptians H4714 in the midst H8432 of the sea H3220 .
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28. पानी अपने उचित तल तक लौटा और उसने रथों तथा घुड़सवारों को ढक लिया। फ़िरौन की पूरी सेना जो इस्राएली लोगों का पीछा कर रही थी, डूबकर नष्ट हो गई। उनमें से कोई भी न बचा! PEPS
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28. And the waters H4325 returned H7725 , and covered H3680 H853 the chariots H7393 , and the horsemen H6571 , and all H3605 the host H2428 of Pharaoh H6547 that came H935 into the sea H3220 after H310 them ; there remained H7604 not H3808 so much as H5704 one H259 of them.
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29. किन्तु इस्राएल के लोगों ने सूखी जमीन पर चलकर समुद्र पार किया। उनकी दायीं और बायीं ओर पानी दीवार की तरह खड़ा था।
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29. But the children H1121 of Israel H3478 walked H1980 upon dry H3004 land in the midst H8432 of the sea H3220 ; and the waters H4325 were a wall H2346 unto them on their right hand H4480 H3225 , and on their left H4480 H8040 .
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30. इसलिए उस दिन यहोवा ने इस्राएल के लोगों को मिस्रियों से बचाया और इस्राएल के लोगों ने मिस्रियों के शवों को लाल सागर के किनारे देखा।
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30. Thus the LORD H3068 saved H3467 H853 Israel H3478 that H1931 day H3117 out of the hand H4480 H3027 of the Egyptians H4714 ; and Israel H3478 saw H7200 H853 the Egyptians H4714 dead H4191 upon H5921 the sea H3220 shore H8193 .
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31. इस्राएल के लोगों ने यहोवा की महान शक्ति को देखा जब उसने मिस्रियों को हराया। अत: लोगों ने यहोवा का भय माना और सम्मान किया और उन्होंने यहोवा और उसके सेवक मूसा पर विश्वास किया। PE
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31. And Israel H3478 saw H7200 H853 that great H1419 work H3027 which H834 the LORD H3068 did H6213 upon the Egyptians H4714 : and the people H5971 feared H3372 H853 the LORD H3068 , and believed H539 the LORD H3068 , and his servant H5650 Moses H4872 .
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