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1. हे परमेश्वर, क्या तूने हमें सदा के लिये बिसराया हैय? क्योंकि तू अभी तक अपने निज जनों से क्रोधित है?
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1. Maschil H4905 of Asaph H623 . O God H430 , why H4100 hast thou cast us off H2186 forever H5331 ? why doth thine anger H639 smoke H6225 against the sheep H6629 of thy pasture H4830 ?
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2. उन लोगों को स्मरण कर जिनको तूने बहुत पहले मोल लिया था। हमको तूने बचा लिया था। हम तेरे अपने हैं। याद कर तेरा निवास सिय्योन के पहाड़ पर था।
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2. Remember H2142 thy congregation H5712 , which thou hast purchased H7069 of old H6924 ; the rod H7626 of thine inheritance H5159 , which thou hast redeemed H1350 ; this H2088 mount H2022 Zion H6726 , wherein thou hast dwelt H7931 .
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3. हे परमेश्वर, आ और इन अति प्राचीन खण्डहरों से हो कर चल। तू उस पवित्र स्थान पर लौट कर आजा जिसको शत्रु ने नष्ट कर दिया है।
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3. Lift up H7311 thy feet H6471 unto the perpetual H5331 desolations H4876 ; even all H3605 that the enemy H341 hath done wickedly H7489 in the sanctuary H6944 .
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4. मन्दिर में शत्रुओं ने विजय उद्घोष किया। उन्होंने मन्दिर में निज झंडों को यह प्रकट करने के लिये गाड़ दिया है कि उन्होंने युद्ध जीता है।
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4. Thine enemies H6887 roar H7580 in the midst H7130 of thy congregations H4150 ; they set up H7760 their ensigns H226 for signs H226 .
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5. शत्रुओं के सैनिक ऐसे लग रहे थे, जैसे कोई खुरपी खरपतवार पर चलाती हो।
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5. A man was famous H3045 according as he had lifted up H935 H4605 axes H7134 upon the thick H5442 trees H6086 .
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6. हे परमेश्वर, इन शत्रु सैनिकों ने निज कुल्हाडे और फरसों का प्रयोग किया, और तेरे मन्दिर की नक्काशी फाड़ फेंकी।
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6. But now H6258 they break down H1986 the carved work H6603 thereof at once H3162 with axes H3781 and hammers H3597 .
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7. परमेश्वर इन सैनिकों ने तेरा पवित्र स्थान जला दिया। तेरे मन्दिर को धूल में मिला दिया, जो तेरे नाम को मान देने हेतु बनाया गया था।
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7. They have cast H7971 fire H784 into thy sanctuary H4720 , they have defiled H2490 by casting down the dwelling place H4908 of thy name H8034 to the ground H776 .
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8. उस शत्रु ने हमको पूरी तरह नष्ट करने की ठान ली थी। सो उन्होंने देश के हर पवित्र स्थल को फूँक दिया।
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8. They said H559 in their hearts H3820 , Let us destroy H3238 them together H3162 : they have burned up H8313 all H3605 the synagogues H4150 of God H410 in the land H776 .
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9. कोई संकेत हम देख नहीं पाये। कोई भी नबी बच नहीं पाया था। कोई भी जानता नहीं था क्या किया जाये।
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9. We see H7200 not H3808 our signs H226 : there is no H369 more H5750 any prophet H5030 : neither H3808 is there among H854 us any that knoweth H3045 how long H5704 H4100 .
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10. हे परमेश्वर, ये शत्रु कब तक हमारी हँसी उड़ायेंगे क्या तू इन शत्रुओं को तेरे नाम का अपमान सदा सर्वदा करने देगा।
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10. O God H430 , how long H5704 H4970 shall the adversary H6862 reproach H2778 ? shall the enemy H341 blaspheme H5006 thy name H8034 forever H5331 ?
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11. हे परमेश्वर, तूने इतना कठिन दण्ड हमकों क्यों दिया तूने अपनी महाशक्ति का प्रयोग किया और हमें पूरी तरह नष्ट किया!
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11. Why H4100 withdrawest H7725 thou thy hand H3027 , even thy right hand H3225 ? pluck H3615 it out of H4480 H7130 thy bosom H2436 .
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12. हे परमेश्वर, बहुत दिनों से तू ही हमारा शासक रहा। इस देश में तूने अनेक युद्ध जीतने में हमारी सहायता की।
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12. For God H430 is my King H4428 of old H4480 H6924 , working H6466 salvation H3444 in the midst H7130 of the earth H776 .
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13. हे परमेश्वर, तूने अपनी महाशक्ति से लाल सागर के दो भाग कर दिये।
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13. Thou H859 didst divide H6565 the sea H3220 by thy strength H5797 : thou didst break H7665 the heads H7218 of the dragons H8577 in H5921 the waters H4325 .
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14. तूने विशालकाय समुद्री दानवों को पराजित किया! तूने लिव्यातान के सिर कुचल दिये, और उसके शरीर को जंगली पशुओं को खाने के लिये छोड़ दिया।
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14. Thou H859 didst break H7533 the heads H7218 of leviathan H3882 in pieces, and gavest H5414 him to be meat H3978 to the people H5971 inhabiting the wilderness H6728 .
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15. तूने नदी, झरने रचे, फोड़कर जल बहाया। तूने उफनती हुई नदियों को सुखा दिया।
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15. Thou H859 didst cleave H1234 the fountain H4599 and the flood H5158 : thou H859 driedst up H3001 mighty H386 rivers H5104 .
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16. हे परमेश्वर, तू दिन का शासक है, और रात का भी शासक तू ही है। तूने ही चाँद और सूरज को बनाया।
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16. The day H3117 is thine , the night H3915 also H637 is thine: thou H859 hast prepared H3559 the light H3974 and the sun H8121 .
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17. तू धरती पर सब की सीमाएं बाँधता है। तूने ही गर्मी और सर्दी को बनाया।
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17. Thou H859 hast set H5324 all H3605 the borders H1367 of the earth H776 : thou H859 hast made H3335 summer H7019 and winter H2779 .
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18. हे परमेश्वर, इन बातों को याद कर। और याद कर कि शत्रु ने तेरा अपमान किया है। वे मूर्ख लोग तेरे नाम से बैर रखते हैं!
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18. Remember H2142 this H2063 , that the enemy H341 hath reproached H2778 , O LORD H3068 , and that the foolish H5036 people H5971 have blasphemed H5006 thy name H8034 .
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19. हे परमेश्वर, उन जंगली पशुओं को निज कपोत मत लेने दे! अपने दीन जनों को तू सदा मत बिसरा।
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19. O deliver H5414 not H408 the soul H5315 of thy turtledove H8449 unto the multitude H2416 of the wicked : forget H7911 not H408 the congregation H2416 of thy poor H6041 forever H5331 .
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20. हमने जो आपस में वाचा की है उसको याद कर, इस देश में हर किसी अँधेरे स्थान पर हिंसा है।
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20. Have respect H5027 unto the covenant H1285 : for H3588 the dark places H4285 of the earth H776 are full H4390 of the habitations H4999 of cruelty H2555 .
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21. हे परमेश्वर, तेरे भक्तों के साथ अत्याचार किये गये, अब उनको और अधिक मत सताया जाने दे। तेरे असहाय दीन जन, तेरे गुण गाते है।
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21. O let not H408 the oppressed H1790 return H7725 ashamed H3637 : let the poor H6041 and needy H34 praise H1984 thy name H8034 .
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22. हे परमेश्वर, उठ और प्रतिकार कर! स्मरण कर की उन मूर्ख लोगों ने सदा ही तेरा अपमान किया है।
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22. Arise H6965 , O God H430 , plead thine own cause H7378 H7379 : remember H2142 how H4480 the foolish man H5036 reproacheth H2781 thee daily H3605 H3117 .
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23. वे बुरी बातें मत भूल जिन्हें तेरे शत्रुओं ने प्रतिदिन तेरे लिये कही। भूल मत कि वे किस तरह से युद्ध करते समय गुरर्ये। PE
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23. Forget H7911 not H408 the voice H6963 of thine enemies H6887 : the tumult H7588 of those that rise up against H6965 thee increaseth H5927 continually H8548 .
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